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क्या है डिमेंशिया, जानें इस बीमारी के 6 शुरुआती लक्षणों के बारे में

 कभी कभार चीज़ों को भूल जाना सभी के साथ होता है और एक आम बात है। हम सभी की ज़िंदगी में ऐसा कई बार होता है जब हम भूल जाते है कि हमनें अपना वॉलेट, कार की चाबी कहां रखी, या कई बार किसी से सालों बाद मिलो, तो उसका नाम याद नहीं आता। हमारा दिमाग़ कई तरह की चीज़ों के साथ घिरा रहता है। कई बार हम छोटी गैरज़रूरी चीज़ों पर ध्यान नहीं देते और भूल जाते हैं। हालांकि, कभी-कभी भूल जाना उस वक्त समस्या बन जाता है जब यह अक्सर होने लगे। रोज़ कुछ न कुछ भूल जाने से हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर पड़ने लगता है।उम्र के साथ ज़्यादातर लोगों में मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। जिसे मेडिकल भाषा में डिमेंशिया कहा जाता है। क्योंकि डिमेंशिया हर व्यक्ति को अलग तरह से प्रभावित करता है, इसलिए इसके लक्षण भी अलग तरह के दिखते हैं। लेकिन अगर इसे वक्त पर पहचाना न जाए, तो कई सालों तक लोग बिना जाने इसके साथ जीते रहते हैं। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन समय पर पता लगने से आप जबतक स्टेबल हैं, अपनी आगे की ज़िंदगी के बारे में फैसले ले सकतेहैं या इसके अनुसार प्लान कर सकते हैं।

1. पैसे का ट्रैक खोना

रिसर्च में पहले भी देखा गया है कि धन प्रबंधन के मुद्दे डिमेंशिया का निदान होने से कई सालों पहले देखे जा सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के नेतृत्व में एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग डिमेंशिया से पीड़ित पाए गए, उनमें इस निदान से पहले छह साल तक के बिल भुगतान चूकने की संभावना अधिक थी। एक गलत धारणा यह भी है कि वित्तीय कठिनाई सिर्फ डिमेंशिया के अंतिम चरणों में हो सकती है, लेकिन सच यह है कि यह शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकती है।

2. याददाश्त का बेहद कमज़ोर होना

उम्र के साथ हम सभी की याददाश्त कमज़ोर होती जाती है। इसलिए यह समझना मुश्किल है कि आप बढ़ती उम्र की वजह से चीज़ें भूल रहे हैं, या फिर डिमेंशिया विकसित हो रहा है। मुख्य अंतर याददाश्त ख़राब होना और अन्य लक्षण हैं जो रोज़मर्रा के कामकाज को प्रभावित करते हैं। जैसे आमतौर पर अगर आप यह भूल जाते हैं कि चाबी कहां रखी, तो आप इसे याद भी कर पाते हैं या फिर ढूंढ़ने पर मिल जाती है। लेकिन अगर किसी को डिमेंशिया है तो उन्हें यह याद करने में भी दिक्कत आएगी कि जब वे घर आए तो उन्होंने सबसे पहले क्या किया?

3. उलझन

शुरुआती दिनों से ही भ्रम डिमेंशिया की एक प्रमुख विशेषता है। यह दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि रोज़ के कामों को समझना कठिन हो जाता है, जैसे खरीदारी करते वक्त पैसों को गिनना। डिमेंशिया या अल्ज़ाइमर के साथ जी रहे लोग तारीखों, मौसमों और समय बीतने का ट्रैक खो सकते हैं। जैसे कि दिन के समय सो जाना और फिर रात भर जगे रहना, किसी इवेंट के लिए ग़लत दिन तैयार हो जाना, ऐसी जगह का रास्ता भूल जाना जहां वे अक्सर जाया करते थे।

4. हंसी-मज़ाक की भावना खो देना

उम्र के साथ हम सभी चिड़चिड़े हो जाते हैं। खासतौर पर जब हमारी दिनचर्या में कोई ख़लल आ जाए। लेकिन डिमेंशिया से पीड़ित लोग अधिक भयभीत या चिंतित लग सकते हैं, जैसे कि भूल जाना कि वे कहां हैं। जिन चीज़ों से उन्हें एक समय पर प्यार था, वे उनसे पीछे हटने लगते हैं और उनकी उसमें रुची कम हो जाती है।

5. शब्दों को याद करने में मुश्किल आना

ऐसा कई बार होता है कि कुछ एक शब्द हमारी ज़बान पर होता है लेकिन बाहर नहीं आ पाता। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी से बात करते वक्त उसे समझ पाने में संघर्ष करना या फिर सही शब्द का याद न आना डिमेंशिया का शुरुआती लक्षण हो सकता है। जिनको डिमेंशिया होता है, बात करते हुए उनके चेहरे पर हैरान करने वाले भाव हो सकते हैं। या फिर बात के जवाब में वे सिर्फ सिर हिला देते हैं या फिर हंस देते हैं। इसके अलावा वे बोलते-बोलते रुक जाते हैं और उन्हें नहीं समझ आता कि आगे क्या कहना है।

6. चीजों का उपयोग करना भूल जाना

डिमेंशिया से पीड़ित लोग खुद से उन चीज़ों को करने में असमर्थ पा सकते हैं जो वे ज़िंदगी भर हर दिन करते आए हैं, जैसे कि शर्ट के बटन लगाना, जूते के फीते बांधना, चम्मच का इस्तेमाल या फिर जार का ढक्कन खोलना।

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