क्या आप अपने हेक्टिव रुटीन या फिर हीट स्ट्रोक के डर से बिल्कुल भी धूप में नहीं निकल रहे हैं? यह सच है कि दिन की धूप में बाहर निकलने की सलाह किसी को भी नहीं दी जाती है, लेकिन रोज़ाना कुछ देर धूप लेना भी हमारी सेहत के लिए ज़रूरी होता है। फिर चाहे वह वक्त सुबह जल्दी का हो या फिर शाम का जब सूरज ढल रहा हो।
सर्कैडियन रिदम, या सर्कैडियन चक्र, हमारे शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करती है और लगभग हर 24 घंटे में दोहराती है। सूरज के साथ जागना, एक दिनचर्या रखना, व्यायाम करना, स्क्रीन समय सीमित रखना, लंबी झपकी से बचना और जल्दी सोने का समय, ये सभी चीज़ें हैं जो हमारी सर्कैडियन घड़ी को सही करने में हमारी मदद कर सकती हैं।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंस प्रोफेसर डॉ. एंड्रयू डी. ह्यूबरमैन ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है कि हम अपनी सर्कैडियन घड़ी को बड़ी आसानी से ठीक कर सकते हैं। धूप में सुबह जल्दी निकलें या फिर देर शाम निकलने से हमारी सर्कैडियन घड़ी ठीक हो सकती है। न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि इससे रात को अच्छी नींद लेने और दिन में सक्रिय रहने में मदद मिलती है।
वह कहते हैं कि इस बात के भी प्रमाण हैं कि आपका सर्कैडियन शेड्यूल सही होना मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम फंक्शन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
सुबह और शाम की प्राकृतिक रोशनी देखने के फायदों के बारे में बताते हुए न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि “उस रोशनी की गुणवत्ता दिन के उस समय अलग होती है।”
डॉ. ह्यूबरमैन ने बताया कि प्राकृतिक सूरज की रोशनी को कैसे प्राप्त किया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए अद्भुत साबित होती है। उन्होंने कहा, “वैसे कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता और हम कभी-कभी दिन की शुरुआत या फिर दोपहर के सूरज की रोशनी को मिस कर देते हैं, लेकिन कोशिश करें कि ज़्यादा से ज़्यादा दिनों में आप दिन में दो टाइप धूप लें। हालांकि, सुबह की धूप ज़्यादा ज़रूरी होती है लेकिन आप दोनों समय ले सकते हैं।”