Spiritual/धर्म (giltv) शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। वहीं, उनकी छवि अत्यंत क्रोधित रहने वाले देवता के रूप में भी मानी गई है। यही कारण है कि 24 जनवरी को शनि के मकर में प्रवेश करने से कई लोग इसे अशुभ का संकेत मान रहे हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि शनिदेव को अन्याय करने वाले लोगों पर ही क्रोध आता है। ऐसे में 30 साल बाद शनि के मकर राशि के प्रवेश के साथ ही कुंभ राशि वालों की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।यदि सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास दिया जलाया जाये, तो शनिदेव की कृपा दृष्टि पड़ने लगती है। कोशिश करें, कि पेड़ किसी मंदिर में लगा हो अगर ऐसा पीपल के पेड़ में सूर्य अस्त होते समय दीया जलाया जाए, शनि की महादशा समाप्त होने लगती है।
शनिवार के दिन सुबह उठकर होकर स्नान करें, उसके बाद एक कटोरी तेल से भरे और उस तेल में अपना चेहरा देखें और फिर उस तेल को शनिवार को ही किसी गरीब या जिसे जरूरत हो उसे दान कर दें। वैसे भी शनिवार को तेल का दान करना शनिदेव को प्रसन्न करने का उपाय बताया गया है।
अगर आप फूल नहीं चढ़ा सकते और सुबह तेल दान नहीं कर सकते, तो आप रुद्राक्ष की माला लेकर एक सौ आठ बार ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का जप करें, शनिदेव की कृपा बनेगी और महादशा दूर होगी।
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