Spiritual/धर्म

बसंत पंचमी पर सर्वार्थसिद्धि योग

Spiritual/धर्म (giltv) विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बसंत पंचमी यानी 29 जनवरी को है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन सिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग जैसे दो शुभ मुहूर्त का संयोग भी बन रहा है। इस कारण पंडितों ने इसे वाग्दान, विद्यारंभ, यज्ञोपवीत आदि संस्कारों व अन्य शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना है। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की आराधना के साथ ही विवाह के शुभ मुहूर्त भी रहेंगे। ऐसे में खूब शहनाई गूंजेगी।कंकरखेड़ा के बड़ा हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित विनोद त्रिपाठी कहते हैं कि बसंत पंचमी इस बार विशेष रूप से श्रेष्ठ है। वर्षों बाद ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को और खास बना रही है। इस बार तीन ग्रह खुद की ही राशि में रहेंगे। मंगल वृश्चिक में, बृहस्पति धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे। विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए ये स्थिति बहुत ही शुभ मानी जाती है। पंडित विनोद त्रिपाठी के अनुसार बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त वाले पर्वों की श्रेणी में शामिल है, लेकिन इस दिन गुरुवार और उतराभाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि योग बनेगा। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। दोनों योग रहने से बसंत पंचमी की शुभता में और अधिक वृद्धि होगी।गलियों में लगेंगे टैंट, सड़कों पर बजेगा बैंड: मेरठ मंडप एसोसिएशन के महामंत्री देवेंद्र गोयल ने बताया कि बसंत पंचमी पर बंपर शादियां हैं। होटल, रेस्टोरेंट, बेंक्वेट हॉल के साथ ही धर्मशालाओं में भी शादियां हैं। मेरठ मंडप एसोसिएशन अध्यक्ष मनोज गुप्ता कहते हैं कि अबूझ साया होने के कारण खूब शादियां होंगी। टैंट व्यवसायी नवीन अग्रवाल के अनुसार गलियों और पार्कों में भी टेंट के ऑर्डर हैं। मंडप और टेंट व्यापारियों के अनुसार जनपद में 400 से ज्यादा शादियां होंगी।

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