Spiritual/धर्म

राशि अनुसार करना चाहिए ज्योतिर्लिंग की पूजा, बरसने लगेगी महादेव की कृपा

भगवान शिव पूरे भारत देश में 12 जगहों पर ज्योति के स्वरूप में विराजमान हैं। इन भगवान शिव की इन ज्योति स्वरूप को 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में राशि अनुसार ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
भोलेनाथ आसानी से अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शंकर की कृपा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने राशि अनुसार ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। ऐसे करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और खुशहाली का आगमन होता है।

भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है। भोलेनाथ आसानी से अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं कुछ लोग भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सोमवार का व्रत करते हैं और विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा करते हैं। आपको बता दें कि भगवान शिव पूरे भारत देश में 12 जगहों पर ज्योति के स्वरूप में विराजमान हैं। इन भगवान शिव की इन ज्योति स्वरूप को 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में भगवान शंकर की कृपा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने राशि अनुसार ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। ऐसे करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और खुशहाली का आगमन होता है।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

गुजरात राज्य के सौराष्ट्र नगर में अरब सागर के तट पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पहला ज्योतिर्लिंग स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। मेष राशि के जातकों को इस ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। वहीं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का पंचामृत से अभिषेक करने से मेष राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलता है।

शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में श्री शैलम नाम के पर्वत पर स्थित है। वृषभ राशि के जातकों को इस शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। वहीं मिथुन राशि के जातकों को जीवन में कम से कम एक बार इस शिवलिंग के दर्शन जरूर करना चाहिए।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह बारह फेमस ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मिथुन राशि के जातकों को इस ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। वहीं भगवान शिव की कृपा पाने के लिए मंत्र जाप करना चाहिए।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

मध्यप्रदेश के इंदौर में नर्मदा नदी के पास ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। कर्क राशि के जातकों को इस शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे आपको विशेष लाभ मिल सकता है।

बैजनाथ ज्योतिर्लिंग

झारखंड के देवघर में बारह ज्योतिर्लिंगों में से बैजनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है। सिंह राशि के जातकों के लिए इस शिवलिंग की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

महाराष्ट्र से थोड़ी दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग स्थित है। कन्या राशि के जातकों को इस ज्योतिर्लिंग का दूध से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से इच्छाओं और मनोकामना की पूर्ति होती है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। साथ ही यह चार धामों में से एक माना जाता है। तुला राशि के जातकों को इस शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे इस राशि के जातकों का दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का नंबर 10वें स्थान पर आता है। यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है। वृश्चिक राशि के जातकों को इस शिवलिंग की पूजा करने के साथ ही शमी और बेलपत्र अर्पित करने चाहिए। इससे जीवन में लाभ देखने को मिलेगा।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से वाराणसी का काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भी शामिल है। धनु राशि के जातकों को इस शिवलिंग पर दूध से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से इस राशि के जातकों के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

महाराष्ट्र के नासिक से कुछ पर ब्रह्म गिरि नामक पर्वत के पास श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। मकर राशि के जातकों को गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इससे मकर राशि के जातकों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड की मंदाकिनी तट पर स्थित है। कुंभ राशि के जातकों के लिए इस ज्योतिर्लिंग की पूजा बेहद लाभकारी मानी गई है। कुंभ राशि के जातकों को केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह भगवान शिव-शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। मीन राशि के जातकों के लिए इस ज्योतिर्लिंग की पूजा बेहद खास महत्व रखती है। इच्छापूर्ति के लिए मीन राशि के जातकों को दूध में केसर डालकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।

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