हिंदू धर्म में हरियाली तीज एक विशेष महत्व रखती है।हरियाली तीज और हरतालिका तीज दोनों ही माता पार्वती को समर्पित हैं। इन दोनों दिन माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस वर्ष यानी 2023 में हरियाली तीज 19 अगस्त को पड़ रही है। वहीं हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को किया जाएगा।
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज आमतौर पर नाग पंचमी के दो दिन पूर्व यानी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, यह वह दिन है जब देवी ने शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। सुखी वैवाहिक जीवन के साथ ही घर में सुख शांति समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। साथ ही इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनने का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाओं के बीच झूला झूलने का भी प्रचलन है। साथ ही महिलाएं तीज के गीत गाती हैं।
हरतालिका तीज की कहानी
हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज के बीच लगभग एक महीने का अंतर होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान लिया था और वह हमेशा भगवान शिव की तपस्या में लीन रहतीं थीं। पार्वती की सहेलियां उनका हरण करके उन्हें गहरे जंगलों में ले गईं।
क्योंकि पार्वती के पिता उनका विवाह भगवान विष्णु के साथ करना चाहते थे। पार्वती ने जंगलों में अपनी तपस्या जारी रखी और अंततः भगवान शिव से विवाह किया। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। साथ ही यह व्रत सुखी वैवाहिक जीवन और संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है।