पूर्वांचल के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान में बड़े साहब के साहबजादों की कमाई का जरिया अचानक छिन गया है। इस बात से साहबजादों में बड़ी बेचैनी हो गई है। तमाम हथकंडे अपनाकर कमाई का जरिया बनाना चाह रहे हैं, लेकिन जबसे संस्थान के एक बड़े अधिकारी ने जिम्मा संभाला है, तबसे साहबजादों की दाल गल नहीं पा रही है।
जुगाड़ से लेकर गणेश परिक्रमा तक लगा रहे हैं, लेकर अधिकारी के आगे सब सिस्टम फेल है। साहबजादे बड़े अधिकारी के पास उनके खासमखास को भी लेकर गए, इसके बाद भी लिफ्ट नहीं मिला। उल्टे अधिकारी ने कमाई के धंधे को दूसरे को शिफ्ट कर दिया है। वह भी पूरे कानूनी तौर तरीकों से। अब साहबजादे अधिकारी से लेकर अपने साहब से खफा हैं।
साहब, दाल में कुछ काला जरूर है
शिक्षा के सबसे बड़े मंदिर में आजकल परीक्षाओं के स्थगित होने की चर्चा खूब है। अंदरखाने की खबर है कि जबसे एक एजेंसी ने परीक्षा कराने की जिम्मेदारी संभाली है तभी से गड़बड़ी ज्यादा हो रही है। हालांकि, बड़े मुखिया के डर से कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। अभी दो दिन पहले वार्षिक परीक्षा के भी स्थगित होने की खबर जैसे आई, प्रशासनिक भवन में कानाफूसी शुरू हो गई। एक कर्मचारी ने तो यहां तक कह दिया कि पता करिए, फेल को पास कैसे किया जा रहा है। इसी बीच दूसरे ने कहा कि सबूत तो नहीं है लेकिन साहब, इतना तो तय है कि दाल में काला जरूर है। जल्द ही इसका भी भंडाफोड़ हो जाएगा।