पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे हालात के बीच रूस ने एक अहम बैठक बुलाई है। सबसे खास बात तो यह है कि रूस की इस बैठक में पाकिस्तान, चीन तथा अमेरिका के शामिल होने की संभावना है। लेकिन भारत को इसका निमंत्रण नहीं भेजा गया है। कतर में आयोजित होने वाली इस बैठक का नाम ‘विस्तारित ट्रोइका’ होगा। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब अफगानिस्तान को लेकर रूस ने कोई बैठक की है और उसमें भारत को निमंत्रण नहीं दिया है। इससे पहले भी अफगानिस्तान पर बैठक में रूस ने भारत को नहीं बुलाया था। उस समय भी भारत-रूस के संबंधों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे। यह बैठक 11 अगस्त को कतर में होनी है।
इससे पहले इसी प्रारूप के तहत एक बैठक 18 मार्च और 30 अप्रैल को हुई थी। अफगानिस्तान में शांति कायम करने और राष्ट्रीय सुलह की प्रक्रिया की शर्तें तय करने के लिए रूस मास्को फॉर्मेट भी आयोजित करा रहा है। रूस लगातार अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते हमले में हिंसा रोकने तथा अफगान शांति प्रक्रिया पर जोर देने के लिए युद्ध ग्रस्त देश में सभी प्रमुख हितधारकों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं। ‘विस्तारित ट्रोइका’ की बैठक का आमंत्रण नहीं दिए जाने के बाबत सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर नयी दिल्ली और मास्को के बीच नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक विशेष रणनीतिक साझेदारी से बंधे हैं। हम अफगानिस्तान पर रूस के साथ नियमित रूप से चर्चा करते हैं।