Spiritual/धर्म

बाल ब्रह्मचारी हनुमान जी को क्यों चढ़ाया जाता है सिंदूर

भगवान हनुमान, रामायण के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक हैं। श्री राम के परम भक्त हनुमान, साहस, चरित्र, भक्ति और सदाचार के आदर्श प्रतीक हैं। उनके चरित्र में कई ऐसी बातें हैं जो मनुष्य को सीख दे सकती हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान जी के चरित्र के कारण ही ‘सकल गुण निधानं’ कहा है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का नाम सुनते ही सभी प्रकार के भय और दुःख स्वयं ही दूर हो जाते हैं।
हनुमान जी की आराधना करने के लिए उन्हें कई तरह की चीजें अर्पित की जाती हैं। जिनमे से एक वस्तु सिंदूर है। माना जाता है कि हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है। और इसे अर्पित करने से वह भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने हैं। लेकिन क्या आप हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने का कारण जानते हैं। आइए जानते हैं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने के पीछे का रहस्य।

क्या है पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, वनवास से लौटने के बाद जब माता सीता अपने एक कार्य में व्यस्त थी तभी हनुमान जी ने उनसे पूछा कि प्रभु श्री राम को सबसे अधिक क्या प्रिय है। तब माता सीता ने उत्तर दिया कि प्रभु श्री राम को तो किसी वस्तु से मोह नहीं है। उनके लिए इस संसार में सबकुछ समान है, इसलिए वह प्रत्येक वस्तु से प्रसन्न रहते हैं। तभी हनुमान जी की नजर माता सीता के सिंदूर पर पड़ी। उन्होंने माता सीता से पूछा कि आप यह सिंदूर क्यों लगाती हैं, तो माता सीता ने उत्तर दिया कि यह तो सुहाग की निशानी है और इसे लगाने से प्रभु श्री राम प्रसन्न होते हैं।

राम जी को प्रसन्न करने के लिए लगाया सिंदूर
तभी हनुमान जी के मन में एक युक्ति सूझी। वह पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर भगवान राम के समक्ष गए। यह देखकर आस-पास के लोग हसने लगे। राम जी ने जब पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने का कारण पूछा तो हनुमान जी बोले की जब माता सीता की मांग में थोड़ा-सा सिंदूर देखकर आप इतने प्रसन्न होते हैं तो मेने सोचा कि मेरे पूरे शरीर पर सिंदूर देखकर आपको कितनी प्रसन्नता होगी। यह सुनकर श्री राम बहुत प्रसन्न हुए। क्योंकि सिंदूर के द्वारा हनुमान जी ने भगवान श्री राम के प्रति अपना प्रेम और भक्ति को दर्शाया था। तभी से हनुमान जी पर सिंदूर अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है।

हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाने का महत्व
सिंदूर मुख्यतः दो रंग का पाया जाता है- लाल और नारंगी सिंदूर। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लाल रंग का सिंदूर सुहाग की निशानी है। इसलिए इस शादीशुदा महिलाएं अपने माथे पर लगाती हैं। लेकिन नारंगी सिंदूर को समर्पण का प्रतीक माना जाता है। वहीं हनुमान जी में प्रभु श्री राम के प्रति समर्पण का भाव पाया जाता है। यही कारण है कि हनुमान जी पर लाल नहीं बल्कि नारंगी सिंदूर चढ़ाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी बाधाओं को संकटमोचन हनुमान हर लेते हैं।

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