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वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला दावा

वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ। अंतरिक्ष मौसम वैज्ञानिक डॉ. तमिता शोव ने ट्विटर पर इसके फुटेज साझा किए हैं। उन्होंने कहा है कि एक हिस्सा प्रमुखता से फिलामेंट से अलग हो गया है और उत्तरी ध्रुव के चारों ओर एक विशाल ध्रुवीय भंवर के रूप में धूम रहा है। उन्होंने कहा, यहां 55 डिग्री से ऊपर सूर्य के वायुमंडलीय गतिकी को समझने की जरूरत है।

धरती पर क्या होगा असर?
सूर्य के टुकड़े के टूटने से पृथ्वी पर इसका क्या असर होगा यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, वैज्ञानिक इस दुर्लभ घटना पर अपनी निगरानी बनाए हुए हैं। एक स्पेस वेबसाइट के मुताबिक शक्तिशाली सौर फ्लेयर (solar flare) से सात फरवरी को प्रशांत महासागर में एक शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट भी हुआ था। बोल्डर, कोलोराडो में नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के एक उप निदेशक और सौर भौतिक विज्ञानी स्कॉट मैकिन्टोश ने समझाया कि हर सौर चक्र में एक बार सूर्य के 55 डिग्री अक्षांश के साथ कुछ अजीब होना असामान्य नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने इस नए भंवर जैसा कभी नहीं देखा था।

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