राजनीति

राष्ट्रपति चुनाव में किसका पलड़ा है भारी, क्‍या राज्‍यसभा चुनाव के नतीजे एनडीए की राह में बनेंगे बाधा

उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड  गोवा (Goa) और पर्वोत्‍तर में हुए विधानसभा चुनावों में भले ही भाजपा ने परचम फहराया हो लेकिन आगामी राष्ट्रपति चुनाव में इस संख्या बल का सामान्‍य प्रभाव ही नजर आएगा। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक राज्‍य सभा की खाली हो रही 70 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों का अंतिम दौर के पूरा होने पर भाजपा कमोबेश उतनी ही संख्या के साथ आगे बढ़ेगी जितनी मौजूदा वक्‍त में उसके पास (101) है। आइये इस रिपोर्ट में जानें कि राज्‍य सभा के चुनाव नतीजों का कितना असर राष्‍ट्रपति चुनाव पर पड़ने जा रहा है।कांग्रेस पहले ही असम और हिमाचल प्रदेश में सीटें हार चुकी है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी वह दो और सीटें हारने वाली है। हालांकि इसकी भरपाई वह राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्‍यों से कर सकती है। मायावती की बसपा को भी यूपी में दो सीटों का नुकसान होगा। राज्यसभा द्विवार्षिक चुनावों के हालिया दौर में आम आदमी पार्टी (आप) को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। आम आदमी पार्टी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके साथ उच्‍च सदन में आम आदमी पार्टी के सदस्‍यों की संख्या आठ हो गई है।

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