पटना के युवा मरीन इंजीनियर इस उम्मीद के साथ मुंबई से अपने प्रदेश बिहार के समस्तीपुर जिले के पटोरी बाजार में आए थे कि, वो यहां की लड़कियों के कौशल विकास में योगदान देंगे. लेकिन उमा शंकर को नहीं पता था कि उनकी ये घर वापसी ही उनके दुख का कारण बन जाएगी. दरअसल उमा शंकर की बेटी की कुछ हमलावरों ने 14 सितंबर को चाकू मारकर हत्या कर दी थी बावजूद इसके उमा शंकर ने हौसला नहीं हारा और अपना कोचिंग सेंटर जारी रखा.तीन बच्चों के पिता उमाशंकर ने अपनी बेटी की हत्या की वारदात को याद करते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि कल ही की बात है, जब मेरी बेटी मुझसे मिलने साइकिल पर मेरे संस्थान के लिए निकली थी जो कि घर से 14 किलोमीटर दूर है. लेकिन वो तो वहां नहीं पहुंच पाई लेकिन उसकी हत्या की खबर आ गई.’’