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कभी आगरा किला से सटकर बहती थी यमुना

Featured (GIL TV News) :- आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा गंगाजल की पाइपलाइन बिछाने को यमुना किनारा रोड पर खोदाई में पुराने घाट के अवशेष मिलने के बाद यमुना किनारा रोड चर्चा में है। यमुना किनारा रोड आज से 184 वर्ष पूर्व 1837 ईस्वी में बनाई गई थी। तब उसका नाम स्ट्रेंड रोड हुआ करता था। उससे पूर्व यमुना आगरा किला से सटकर बहती थी। शाहजहां की मौत के बाद उसके शव को भी आगरा किला से ताजमहल तक नाव में ले जाया गया था।यमुना किनारा रोड स्थित यमुना आरती स्थल के सामने शुक्रवार रात खोदाई में प्राचीन घाट और उसके बुर्ज के अवशेष सड़क की लेयर के नीचे नजर आए थे। आपातकाल (1975-77) के समय यमुना किनारा रोड के चौड़ीकरण में यमुना किनारे बने घाटों को दबा दिया गया था।

दो शताब्दी पूर्व तक यमुना किनारा रोड अस्तित्व में नहीं थी। यमुना आगरा किला से सटकर बहती थी। यमुना के दोनों किनारे पर हवेलियां और बाग बने हुए थे। औरंगजेब की कैद में आठ वर्ष बिताने के बाद वर्ष 1666 में जब शाहजहां की मृत्यु हुई तो उसके शव को आगरा किला से ताजमहल तक नाव में रखकर ले जाया गया था। इसका जिक्र आस्ट्रियाई इतिहासकार ईबा कोच ने अपनी किताब ‘द कंप्लीट ताजमहल एंड दि रिवरफ्रंट गार्डन्स आफ आगरा’ में किया है। ईबा ने अपनी किताब में वर्ष 1837 में राहत कार्य के रूप में यमुना किनारा रोड बनवाने का जिक्र किया है। उन्होंने इसका जिक्र स्ट्रेंड रोड के रूप में किया है।आगरा किला के चार गेटों में से एक गेट यमुना की तरफ स्थित वाटर गेट है। यह वर्तमान में बंद है। इसे कब बंद किया गया, इसका विवरण नहीं मिलता। इतिहासविद् राजकिशोर राजे बताते हैं कि यमुना किनारा स्थित आगरा किला के गेट पर घाट बना हुआ था। इस घाट के ऊपर ही सड़क बना दी गई थी। आगरा किला की दैनिक जरूरतों के लिए पानी की आपूर्ति यमुना से होती थी।आगरा किला से आज यमुना बहुत दूर हो चुकी है। आगरा किला के आगे रोड के बाद यमुना के तट पर ताज हेरिटेज कारीडोर बना हुआ है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरियाली विकसित की जा रही है।

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