Spiritual/धर्म

शिव के 5 ऐसे चमत्कारी मंदिर, जहां केवल दर्शन से ही पूर्ण हो जाती है मनोकामना

शास्त्रों में सावन माह के महात्म्य को विस्तार से बताया गया है। बता दें कि सावन माह के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इस वर्ष सावन का पवित्र महीना 04 जुलाई से शुरू हो रहा है और अधिक मास के कारण सावन एक नहीं, बल्कि दो महीने का होगा। इस मास में हजारों की संख्या में शिव भक्त कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव को पवित्र जल अर्पित करते हैं। वैसे तो भारत में भगवान अनेकों मंदिर हैं, लेकिन आज हम 05 ऐसे मंदिरों के विषय में बात करने जा रहे हैं, जिन्हें चमत्कारी माना जाता है और कहा जाता है कि यहां दर्शन मात्र से ही साधक के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
अमरनाथ महादेव
हिमालय की गोद में स्थित अमरनाथ धाम में भगवान शिव के स्वयंभू रूप के दर्शन होते हैं। यहां प्राक्रतिक रूप से भगवान शिव का लगभग 10 फुट ऊंचा शिवलिंग मौजूद है। अमरनाथ धाम की यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक की जाती है। ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिव के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।

केदारनाथ मंदिर
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ धाम की गणना प्रमुख चारधामों में की जाती है। साथ ही केदारनाथ महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में यहां दर्शन करने से जीवन सफल हो जाता है और समस्त पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

ओंकारेश्वर महादेव
मध्य प्रदेश में स्थित भगवान शिव के इस धाम की गणना द्वादश ज्योतिर्लिंगों में की जाती है। मान्यता है श्रावन मास में भगवान ओंकारेश्वर महादेव जी के दर्शन करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही एक मान्यता यह भी है कि चार धाम यात्रा के बाद ओंकारेश्वर महादेव का दर्शन आवश्यक है। ऐसा करने के बाद ही चार धाम यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है।

दक्षेश्वर महादेव मंदिर
शिव नगरी हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर आस्था का केंद्र माना जाता है। माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव इसी स्थान पर वास करते हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं। इसलिए सावन के महीने में भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

बाबा बैद्यनाथ मंदिर
झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर को भी सिद्ध शिव धामों में गिना जाता है। साथ ही बाबा बैद्यनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके साथ माता सती के 52 शक्तिपीठों से एक शक्तिपीठ भी यहीं मौजूद है, जहां उनका ह्रदय आकर गिरा था। सावन में भगवान शिव को जल अर्पित करने के लिए यहां लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ यात्रा करके आते हैं।

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