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इमरान खान के सामने क्यों कमजोर दिख रही पाक सेना? जानिए इस लड़ाई में कौन–किस पर पड़ेगा भारी

पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर है। लगभग आठ दशकों में पाकिस्तान अपने सबसे बुरे संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की सड़कों पर घमासान तरीके से सत्ता, सेना की ताकत और विपक्ष का टकराव चल रहा है। देश की जनता का सबसे लोकप्रिय हीरो और राजनेता पाकिस्तान की सबसे ताकतवर संस्था सेना से खुलेआम टकराव के मूड में है।
पिछले हफ्ते, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद की एक अदालत से अर्धसैनिक बलों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। समर्थकों ने विरोध में पाकिस्तान की सड़कों पर तोड़फोड़ की, इमारतों में आग लगा दी, एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के आधिकारिक आवास में लूटपाट की और यहां तक कि सेना के मुख्यालय में भी घुस गए।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्धसैनिक बलों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के खिलाफ इमरान के समर्थकों के गुस्से के घातक रूप ने देश को एक युद्ध के मैदान में लाकर खड़ा कर दिया है और इस मैदान में एक तरफ इमरान खान के समर्थक और दूसरी तरफ पाक सेना है। 9 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद खान के समर्थकों ने अभूतपूर्व तरीके से पाकिस्तानी सेना को चुनौती दी।
अपने हीरो की गिरफ्तारी से फैली अशांति के कारण उग्र भीड़ ने सैन्य-संपत्तियों को बेतहाशा नुकसान पहुंचाया और कई प्रमुख शहरों में सेना के अधिकारियों के घरों में आग लगा दी। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कई सरकारों का तख्तापलट कर लंबे समय तक पाकिस्तान पर शासन करने वाली पाक सेना जिसे पाकिस्तान में हमेशा एक ताकत के रूप में जाना जाता था, उसको इस बार इमरान खान और उनके समर्थकों द्वारा सीधे चुनौती दी गई है।
1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता, शासन परिवर्तन और तख्तापलट से त्रस्त रहा है, जिसमें वहां की सेना हमेशा इस निर्णायक भूमिका में रही है कि कौन सत्ता में रहेगा। ऐसे में यह पहली बार हुआ है कि किसी राजनीतिक दल का नेता सीधे सेना को निशाने पर ले रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि भ्रष्टाचार के मामलों और तमाम टकरावों के बावजूद इमरान खान की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इसका एक कारण ये भी है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थितियां बहुत खराब हैं। जिस तरह वहां की जनता परेशान है, अगर इमरान खान सत्ता में होते तो शायद ये गुस्सा उनके खिलाफ होता। लेकिन अभी शहबाज शरीफ सत्ता में हैं, तो सारा गुस्सा शहबाज और जरदारी के खिलाफ है।
यह लड़ाई हीरो बनाम हीरो की
पाकिस्तान का जबसे गठन हुआ तबसे ही वहां की राजनीति में सेना का बोलबाला रहा है। शुरुआती दौर में इमरान भी सेना की कठपुतली थे, परन्तु बाद में सत्ता और लोकप्रियता ने उन्हें और बोल्ड बना दिया। पाकिस्तान में पूर्व पीएम इमरान खान की लोकप्रियता लोगों में इस कदर है कि वो आर्मी से भी भिड़ने को तैयार हैं। इमरान की लोकप्रियता पाकिस्तान में कोई नया या हाल-फिलहाल का ट्रेंड नहीं है। इमरान खान 90 के दशक से ही पाकिस्तान के हीरो माने जाते हैं, जब उन्होंने पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप का विजेता बनाया था। 1992 में पाकिस्तान को विश्वकप दिलाकर इमरान ने पकिस्तानियों के दिल में एक खास जगह बना ली और नेशनल हीरो बन गए थे।
यह लड़ाई हीरो बनाम हीरो की
पाकिस्तान का जबसे गठन हुआ तबसे ही वहां की राजनीति में सेना का बोलबाला रहा है। शुरुआती दौर में इमरान भी सेना की कठपुतली थे, परन्तु बाद में सत्ता और लोकप्रियता ने उन्हें और बोल्ड बना दिया। पाकिस्तान में पूर्व पीएम इमरान खान की लोकप्रियता लोगों में इस कदर है कि वो आर्मी से भी भिड़ने को तैयार हैं। इमरान की लोकप्रियता पाकिस्तान में कोई नया या हाल-फिलहाल का ट्रेंड नहीं है। इमरान खान 90 के दशक से ही पाकिस्तान के हीरो माने जाते हैं, जब उन्होंने पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप का विजेता बनाया था। 1992 में पाकिस्तान को विश्वकप दिलाकर इमरान ने पकिस्तानियों के दिल में एक खास जगह बना ली और नेशनल हीरो बन गए थे।
साल 1996 में इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) बनाई। 2018 में सेना की मदद से इमरान खान ने सत्ता का स्वाद चखा जिसके बाद वो राजनीति की कीचड़ से नहीं बच पाए और उनपर एक के बाद एक भ्रष्टाचार के कई आरोप लगने शुरू हुए। उधर धीरे-धीरे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी गर्त में जा रही थी। इस बीच सेना का इमरान खान से भरोसा उठ गया और वो संसद में विश्वास मत हार गए। सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान ने कई ऐसे बयान दिए जिससे उनके और पाक सेना के बीच खाई बढ़ती गई।
हालांकि इसके बाद भी पाकिस्तान के हालात बद से बदतर होती चले गए और लोगों का मौजूदा सरकार और सेना से भरोसा उठता गया और वो एक बार फिर अपने हीरो के साथ खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर पाकिस्तान इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है। लोग दो खेमों में बंटे हुए हैं। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब लोगों ने पुलिस और सेना के प्रतिष्ठानों पर हमले किए। लोग सेना पर अपना गुस्सा उतार रहे हैं।
इमरान के सामने बेबस हुई पाक सेना!
ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी राजनेता के सामने पाक सेना इस कदर मजबूर दिख रही है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद, पूरे पाकिस्तान में हिंसा शुरू हो गई। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर समेत कई शहरों में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले हुए। लाहौर में कोर कमांडर के आवास को लूटकर आग लगा दी गई तो रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर हमले हुए।
तो वहीं, मियांवाली एयरफोर्स बेस के बाहर तोड़फोड़ की गई। इसके बावजूद पाकिस्तानी सेना ने तुरंत कोई ऐक्शन नहीं लिया। पाकिस्तान की समझ रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि इस वक्त इमरान खान पाकिस्तान की सेना से भी मजबूत दिख रहे हैं। उनके पास इतनी हिम्मत आ गई है कि वे सीधे तौर पर सेना को धमकियां दे रहे हैं। उनको यह ताकत 9 मई को सेना पर लोगों द्वारा किए गए हमलों से मिली है। सेना ने हमले की सिर्फ निंदा की और 9 मई को पाकिस्तान की राजनीति में एक काला अध्याय बताया। जनरल आसिम मुनीर ने भी सेना पर हमले को लेकर अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी है।
सेना दे रही है इमरान खान को ऑफर
पाकिस्तान में इमरान खान और सरकार के बीच बढ़ती तनातनी के बीच 9 मई को इमरान को गिरफ्तार किया गया, हालांकि दो दिन बाद उन्हें जमानत मिल गई। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान की सेना को निशाना बनाया था। सेना की तरफ इमरान खान और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का ऐलान किया गया।
सूत्रों के अनुसार इमरान खान को पाकिस्तान आर्मी ने एक पेशकश की है। पाकिस्तानी आर्मी ने पूर्व पीएम इमरान खान को पाकिस्तान छोड़ देने का ऑफर दिया और कहा कि ऐसा न करने पर वो आर्मी एक्ट का सामना करने के लिए तैयार हो जाएं। इमरान खान को आर्मी की तरफ से दुबई और लंदन जाने का ऑफर दिया गया है। सेना ने कहा कि अगर इमरान पाकिस्तान छोड़ देगें तो उनपर किसी तरह का केस नहीं किया जाएगा।

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