देश – विदेश

क्यों मनाया जाता है विश्व दूरसंचार दिवस, क्या है इतिहास; जानिए इस साल की थीम

पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए संचार का महत्व हमेशा से रहा है। एक व्यक्ति अपनी बात, विचार, मत और इच्छाओं को बताने के लिए संचार के अलग-अलग माध्यमों का इस्तेमाल करता है। डिजिटल युग में संचार के बहुत से माध्यम मिलते हैं। रियल ही नहीं, वर्चुअल वर्ल्ड के जरिए भी हमें अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में एक बड़ी मदद मिलती है।
सी कड़ी में हर साल 17 मई का दिन विश्न दूरसंचार दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस आर्टिकल में विश्न दूरसंचार दिवस के इतिहास, महत्व और इस साल की थीम के बारे में बताने जा रहे हैं-
क्यों मनाया जाता है विश्न दूरसंचार दिवस
इंटरनेट और संचार के दूसरे साधनों का समाज में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसी व्यापक प्रभाव की जागरुकता के लिए विश्न दूरसंचार दिवस हर साल मनाया जाता है। दुनिया भर में अभी भी ऐसे बहुत से देश हैं, जहां लोगों को एक- दूसरे से जुड़ने के कई बाधाएं आती हैं। संचार में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए ही अंतरराष्ट्रीय संचार संघ की स्थापना अहम मानी जाती है।
विश्न दूरसंचार दिवस: इतिहास
विश्न दूरसंचार दिवस के इतिहास पर नजर डालें तो यह दिन साल 1969 से हर साल मनाया जा रहा है। दरअसल 17 मई का दिन इसलिए तय किया गया क्योंकि इसी दिन साल 1865 को अंतरराष्ट्रीय संचार संघ की स्थापना हुई थी।
आईटीयू का मूल नाम पहले अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राफ संघ था। पेरिस में पहले अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर के साथ ही आईटीयू की स्थापना हुई थी। साल 1932 में इसका नाम अंतरराष्ट्रीय संचार संघ कर दिया गया, जबकि साल 1947 को यह संघ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में नई पहचान के साथ लाई गई।
मार्च 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 मई की तारीख को विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में भी घोषित किया गया था। इसी के साथ 17 मई की तारीख विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस के रूप में मनाया जाता है।
यह दिन कम विकसित देशों में डिजिटल परिवर्तन लाने के लिए मनाया जाता है। हर साल विश्व दूरसंचार दिवस पर, निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों से ‘पार्टनर2कनेक्ट’ डिजिटल गठबंधन के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह करता है।
विश्न दूरसंचार दिवस 2023: इस साल की थीम
इस साल विश्व दूरसंचार दिवस की थीम ‘सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सबसे कम विकसित देशों को सशक्त बनाना रखी गई है।

Related posts

PM मोदी ने की इमैनुएल मैक्रों से बात

GIL TV News

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की थीम से लेकर इतिहास तक जानें सबकुछ

GIL TV News

अम्फान से बंगाल और ओडिशा में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश

GIL TV News

Leave a Comment