दिल्ली / एनसीआर

इलाज में लापरवाही पर उपेक्षा से मौत का मामला बनता है न कि हत्या का, राजस्थान के मामले में डाक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना बड़ा सवाल

राजस्थान में मरीज की मौत के बाद दर्ज हत्या के केस और परिजनों के हंगामे से परेशान डाक्टर द्वारा आत्महत्या की घटना ने सभी को झकझोर दिया है। समाज में डाक्टर को भगवान का दर्जा प्राप्त है, लेकिन फिर भी कई बार इलाज के दौरान प्रियजन को खोने वाले परिजन आपे से बाहर हो जाते हैं। इसका नतीजा डाक्टरों और परिजनों के बीच झगड़े, डाक्टरों के खिलाफ इलाज में लापरवाही के आपराधिक मुकदमे और उपभोक्ता अदालत में डाक्टरों और अस्पताल से मुआवजा दिलाने की अर्जियों के रूप में सामने आता है।

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