विज्ञानियों ने एक नए अध्ययन में पाया कि महामारी के प्रारंभिक महीनों में कोरोना संक्रमित कुछ लोगों ने वायरस से मुकाबले के दौरान और उसके बाद हाथों व पैरों में तंत्रिका संबंधी बीमारियों, दर्द, झुनझुनी व अंगों के सुन्न होने जैसी परेशानियों का सामना किया।
‘पेन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, उनके हाथों व पैरों में दर्द, सुन्नता या झुनझुनी की आशंका सामान्य लोगों से लगभग तीन गुना अधिक थी।वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से जुड़े अध्ययन के सह लेखक साइमन हारौटोनियन ने कहा, ‘कई वायरल संक्रमण जैसे, एचआइवी व दाद आदि पेरिफेरल न्यूरोपैथी से जुड़े होते हैं। हमने पाया कि कोविड-19 संक्रमित करीब 30 प्रतिशत मरीजों ने इलाज के दौरान तंत्रिका संबंधी परेशानियों की सूचना दी। इनमें छह से सात प्रतिशत लोगों में ये लक्षण दो हफ्तों से तीन महीनों तक बने रहे। यह बताता है कि वायरस बाहरी तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा जा सकता है।’पेरिफेरल न्यूरोपैथी में मस्तिष्क व स्पाइनल कोड की बाहरी तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिसके कारण मरीज को कमजोरी व दर्द आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टीम ने अध्ययन में 16 मार्च, 2020 से 12 जनवरी, 2021 तक कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों को शामिल किया।