हाल में पीसीएस से आईएसएस प्रमोट हुए एक अधिकारी को पुराने दफ्तर पसंद नहीं आ रहे। जिस भी दफ्तर में उनकी नियुक्ति होती है, ज्वाइन करते ही निजी प्रयोग के लिए बाथरूम तुड़वा देते हैं।दफ्तर का फर्नीचर भी बदलवा देते हैं। नगर निगम में बतौर एडीशनल कमिश्नर आए तो जोन-1 की दूसरी मंजिल पर उनको दफ्तर मिला था। वहां उन्होंने दफ्तर में टाइलें लगाने से लेकर फर्नीचर व बाथरूम को नए सिरे से तैयार करवाया। अब उनकी नियुक्ति ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी में बतौर मुख्य प्रशासक हुई है तो वहां भी उन्होंने दफ्तर को अपने मुताबिक तैयार करवाना शुरू कर दिया। उन्होंने यहां भी बाथरूम तुड़वा लिए हैं और अभी साइड की एक दीवार तोड़कर कांच लगाने को कह दिया है। इसके अलावा बॉस चेयर से लेकर बाकी के फर्नीचर को भी बदलने के निर्देश दिए हैं। दफ्तर के अंदर वायरिंग को भी नए सिरे से अपडेट करने को कहा है। दफ्तर को नए सिरे से तैयार करने में कितना खर्च आ रहा है, इस बारे में कोई भी मातहत अफसर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।ग्लाडा दफ्तर में मुख्य प्रशासक का दफ्तर पहले ही काफी आलीशान है। दफ्तर का फर्नीचर भी ठीक ठाक स्थिति में है। इसके बावजूद फर्नीचर को हटाया जा रहा है। इससे मातहत अफसर व कर्मचारी भी सकते में हैं। मुख्य प्रशासक ने आदेश दिए हैं तो मातहत अफसर भी काम में जुट गए हैं। ग्लाडा की सिविल ब्रांच ने बाथरूम में फर्श तोड़ दिया गया है। उसके बाद सिविल ब्रांच को अभी एक दीवार तोड़कर कांच भी लगाना है। बिजली ब्रांच ने वायरिंग व एसी रिपेयर कर लिया है। नगर निगम में भी ऐसे ही कुछ हुआ था। उन्होंने बाथरूम में लगी टायलेट सीट से लेकर सारा सामान बदलवा दिया था। उस समय भी यह मामला काफी चर्चा का विषय बना रहा।
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