Life Style (GIL TV) औरत होने का सबसे बड़ा सुख गर्भावस्था माना जाता है। इस स्थिति में हर महिला को अलग-अलग अनुभव होता है। आज के समय में जिस तरह से जीवनशैली में बदलाव हो रहे हैं उसका काफी हद तक गर्भावस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है। कई बार काम या कॅरियर बनाने के चलते दाम्पत्य फैमिली प्लेनिंग को टालते रहते हैं। वहीं, जब इसके बारे में प्लान करते हैं या प्रेग्नेंट होने की खुशी उन्हें नसीब होती है तो बहुत बार ये अपने साथ उम्र और लाइफस्टाइल से जुड़े कई कॉम्लिकेशन्स ले आती है, इनमें से एक प्लेसेंटा प्रिविआ भी है। इसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रेगनेंसी में क्या होता है प्लेसेंटा प्रिविआ और इसे कैसे सही किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी के समय अगर गर्भनाल का विकास ऐसे होता है कि ये पूर्ण तौर पर या आंशिक तौर पर गर्भाशय ग्रीवा को ढकता है, तो ऐसी परिस्थिति को प्लेसेंटा प्रीविआ या लो–लाइंग प्लेसेंटा कहा जाता है। इससे प्रसव पीड़ा और प्रसव के समय मां और शिशु को खतरा होता है ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भाशय ग्रीवा के खुलने की वजह से ये क्षतिग्रस्त हो सकती है। चिकित्सकों के अनुसार गर्भनाल वक्त से पूर्व गर्भाशय से अलग हो सकती है, ऐसे में मां को गंभीर तौर पर रक्तस्राव होता है जो शिशु को भी प्रभावित कर सकता है। इससे जन्म लेने वाले शिशु में कुछ विकार होने की संभावना होती है या फिर शिशु का जन्म वक्त से पहले हो सकता है या फिर जन्म के दौरान शिशु का वजन कम भी हो सकता है। प्लेसेंटा प्रीविआ की समस्या लगभग 200 में से एक महिला में देखी जाती है।