Spiritual/धर्म

बदलाव के लिए काफी है एक छोटा-सा कदम

बदलाव एक प्रक्रिया है, जो अचानक नहीं होती इसके लिए समय लगता है लेकिन बदलाव के लिए एक छोटा-सा कदम ही काफी है। आप इस कहानी को पढ़कर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं-

एक लड़का सुबह-सुबह दौड़ने को जाया करता था। आते जाते वो एक बूढ़ी महिला को देखता था। वो बूढी महिला तालाब के किनारे छोटे-छोटे कछुए की पीठ को साफ किया करती थी। एक दिन उसने इसके पीछे का कारण जानने की सोची। वो लड़का महिला के पास गया और उनका अभिवादन कर बोला मैं आपको हमेशा इन कछुओं की पीठ को साफ़ करते हुए देखता हूं आप ऐसा किस वजह से करते हो? महिला ने लड़के को देखा और जवाब दिया मैं हर रविवार यहां आती हूं और इन छोटे-छोटे कछुओं की पीठ साफ़ करते हुए सुख शांति का अनुभव लेती हूं। क्योंकि इनकी पीठ पर जो कवच होता है उस पर कचरा जमा हो जाने की वजह से इनकी गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है इसलिए ये कछुए तैरने में मुश्किल का सामना करते है। कुछ समय बाद तक अगर ऐसा ही रहे तो ये कवच भी कमजोर हो जाते है इसलिए कवच को साफ़ करती हूं।

यह सुनकर लड़का बड़ा हैरान था। उसने फिर पूछा बेशक आप बहुत अच्छा काम कर रहे है लेकिन फिर भी आंटी एक बात सोचिए कि इन जैसे कितने कछुए है जो इनसे भी बुरी हालत में है जबकि आप सभी के लिए ये नहीं कर सकते तो उनका क्या क्योंकि आपके अकेले के बदलने से तो कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा।

महिला ने कहा भले ही मेरे इस कर्म से दुनिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा लेकिन सोचो इस एक कछुए की जिन्दगी में तो बदलाव आएगा, तो क्यों हम छोटे बदलाव से ही शुरुआत करें।

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