Spiritual/धर्म

अक्षय तृतीया

कहते हैं कि इस दिन दान करने सेअक्षय फल मिलता है। अक्षय का अर्थ होता है जिसका कभी नाश न हो। इस दिन अबूझ मुहूर्त भी होता है। कहते हैं कि इस दिन बिना मुहूर्त के बहुत से अच्छे कार्य किए जाते हैं। लेकिन फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन है ऐसे में घर  में रहकर ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करें। इसके लिए आपको सुबह स्नान करके भगवान विष्णु को कच्चे दूध से स्नान कराएं। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पर दक्षिणावर्ती शंख में जलभरकर अर्पित करें। इसके अलावा बचे जल को घर में छिड़कें। माता लक्ष्मी को पंच मेवे का भोग लगाएं और विष्णु भगवान को खीर का भोग लगा सकते हैं। अक्षय तृतीया पर इस बार बहुत शुभ योग बन रहे हैं। इस साल 25 अप्रैल दोपहर करीब बारह बजे से  तृतीया तिथि आरंभ होगी जो अगले दिन दोपहर करीब 1.20 मिनट तक रहेगी। इस बार अक्षय तृतीया पर  उदय व्यापिनी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग है, जो इसे बहुत ही फलदायी बना रहे हैं। इस बहुत अच्छा मुहूर्त है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन शंख से की गई पूजा से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होते हैं। भगवान परशुराम जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। 

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