देश – विदेश

कैट ने मोदी और शाह का आभार जताया

भारत के सात करोड़ व्यापारियों की ओर से कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने (कैट) ने आज ई-मर्स कंपनियों को लॉक डाउन की अवधि के दौरान गैर-जरूरी सामान को बेचने की अनुमति को वापीड़ लेने की केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना का स्वागत करते हुए प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सराहना की है कैट ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को एक पत्र भेजकर भारतीय व्यापारियों की भावनाओं का मूल्यांकन करने और उनके व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिए धन्यवाद दिया है ! इस अधिसूचना के दिन से ही कैट ने अधिसूचना के खिलाफ आवाज बुलंद की थी और यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र भेजकर उनके सीधे हस्तक्षेप की भी मांग की थी! कैट ने इस अधिसूचना वापिसी के निर्णय के लिए रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह एवं वाणिज्य मंत्री  पियूष गोयल का भी आभार जताया है !कैट ने कहा की अधिसूचना वापस लेना यह दर्शाता है कि छोटे व्यापारी प्रधान मंत्री  मोदी की प्राथमिकता पर हैं और व्यापारियों के खिलाफ कोई भी निर्णय लंबे समय तक नहीं चलेगा और इसी कारण से व्यापारिक समुदाय लॉक डाउन के पहले दिन से ही कैट देश भर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला चलाने में सफल रहा है हालांकि इस सम्बन्ध में व्यापारियों को बहुत सारी बाधाओं का सामना करना पड़ा है !कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी.सी.भारतिया और राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने केंद्र सरकार के इस निर्णय  पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार का यह निर्णय भारत के पूरे व्यापारिक समुदाय के  लिए बहुत लाभदायक है और इस निर्णय ने भारतीय व्यापारियों के विश्वास को मजबूत किया है कि प्रधानमंत्री मोदी और वर्तमान सरकार भारत के लाखों छोटे व्यापारियों के लिए चिंतित हैं और व्यापारियों के हितों की रक्षा हर सूरत पर की जायेगी ! कैट ने कहा की प्रधान मंत्री  मोदी भारतीय व्यापारियों के सच्चे मित्र हैं और जब भी व्यापारियों पर कोई विपत्ति आई है प्रधानमंत्री ने हमेशा उसे सुलझाया है !  भरतिया और  खंडेलवाल दोनों ने बहुराष्ट्रीय ई-मर्स कंपनियों के पक्ष में गैर जरूरी सामान की बिक्री करने के निर्णय पर महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान की सरकारों के खिलाफ गहरी निराशा और नाराजगी व्यक्त की। ओडिशा सरकार ने 13 अप्रैल कोही  ई कॉमर्स कंपनियों को गैर जरूरी सामान बेचने की अनुमति दी थी! यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि ये राज्य सरकारें भारतीय व्यापारियों के खिलाफ हैं और विदेशी ईकॉमर्स खिलाड़ियों के हाथों भारतीय व्यापारियों के व्यवसायों को नष्ट करना पसंद करती हैं।बहुराष्ट्रीय ईकॉमर्स कंपनियां सामान की इन्वेंट्री को नियंत्रित करके गहरी छूट और लागत से भी कम मूल्य जैसी  अनुचित व्यवसाय प्रथाओं को अपनाकर छोटे भारतीय व्यापारियों के व्यवसायों को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि लॉकडाउन अवधि में उन्होंने  जरूरी वस्तुओं को नागरिकों को उपलब्ध कराने में नाकाम रही ! कैट ने हमेशा इन कंपनियों के खिलाफलड़ाई लड़ी है और सरकार से लगातार यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि ईकॉमर्स निष्पक्ष और नैतिक वातावरण में किया जाए।

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