Spiritual/धर्म (giltv) संत रविदास जयंती रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। काशी में जन्मे रविदास (रैदास) का समय 1482-1527 ई. के बीच हुआ माना जाता है। हर साल माघ मास की पूर्णिमा तिथि पर इनकी जयंती मनाई जाती है। जूते बनाने का काम उनका पैतृक व्यवसाय था। आज बड़ा चांदगंज स्थित संत रविदास मंदिर में विशेष आयोजन होंगे। संत रविदास की पूजा अर्चना कर उनके विचारों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। साथ ही आप जानेंगे संत रविदास की ऐसी कुछ बातें जिन्हें सुनकर निराश व्यक्ति से कोसों दूर चली जाती है।
संत रविदास ने सभी को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने की सीख दी। संत रविदास के 40 सबद गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं। उनकी एक कहावत ‘जो मन चंगा तो कठौती में गंगा’ काफी प्रचलित है। इस कहावत को जोड़कर एक कथा भी है। कहते हैं कि एक बार एक महिला संत रविदास के पास से गुजर रही थी। संत रविदास लोगों के जूते सिलते हुए भगवान का भजन करने में मस्त थे।तभी वह महिला उनके पास पहुंची और उन्हें गंगा नहाने की सलाह दी। फिर क्या संत रविदास ने कहा कि जो मन चंगा तो कठौती में गंगा। यानी यदि आपका मन पवित्र है तो यहीं गंगा है। कहते हैं इस पर महिला ने संत से कहा कि आपकी कठौती में गंगा है तो मेरी झुलनी गंगा में गिर गई थी। तो आप मेरी झुलनी ढूंढ़ दीजिए। इस पर संत रविदास ने अपनी चमड़ा भिगोने की कठौती में हाथ डाला और महिला की झुलनी निकालकर दे दी।
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