दिल्ली / एनसीआर

सरसों तेल के मूल्‍य में भारी ग‍िरावट

 खाद्य तेलों के भाव में कमी होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। दो से तीन माह पूर्व जो सरसों व सोयाबीन के तेल आसमान छू रहे थे। आज उनमें 17 से 22 रुपये तक की कमी आ गई है। इसकी वजह आयातित खाद्य तेलों के कर शून्य किए जाने के साथ-साथ सरकार द्वारा वायदा कारोबार पर रोक लगाने का आदेश जारी करना भी है। कारोबारियों का कहना है कि आगे और भी तेल के दामों में और कमी देखने को मिल सकती है। जिससे लोगों की जेब दबाव कम होगा।

इतना कम हो गया सरसों तेल का मूल्‍य

बीते एक महीने में अगर तेल के दामों पर नजर डालें तो अक्टूबर-नवंबर में जो सरसों का तेल 185 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा था। इस इस समय वह घटकर 163 से 168 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी प्रकार सोयाबीन का तेल नवंबर में 140 रुपये प्रति लीटर था वह इस समय घटकर 130 से 132 रुपये प्रति लीटर हो गया है।बाजार के जानकारों के मुताबिक खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन का उत्पादन कम होने से सितंबर से ही भाव में तेजी शुरू हो गई थी। इससे सोयाबीन तेल के भाव सितंबर में 90 रुपये से बढ़कर जनवरी तक 140 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए थे। तेल के भाव में चार महीने में 45 रुपये प्रति लीटर की रिकार्ड तेजी से आम आदमी के घर का बजट बिगड़ रहा था। लेकिन अब इसमें गिरावट शुरू हो गई है। इससे लोगों को आठ से दस रुपये तक बचत होने लगी है।सरसों की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना इस साल अच्छी हुई है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों तेलों के दामों में और कमी आएगी। राशन में खाद्य तेल के वितरण से भी सरसों तेल की मांग घटती है। यह भी दाम में गिरावट की एक वजह है। पिछले एक माह में तेल के भाव में अधिक कमी आइ है।

Related posts

जहांगीरपुरी हिंसा में दंगाइयों को तलवार बांटने वाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार

GIL TV News

सर्वदलीय बैठक के बाद बोले प्रह्लाद जोशी

GIL TV News

सदन में महंगाई को लेकर विपक्ष का हंगामा, प्रह्लाद जोशी बोले- वित्त मंत्री की तबीयत है खराब

GIL TV News

Leave a Comment