हिंदी पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 2 दिसंबर को है। प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा उपासना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत की कथा श्रवण मात्र से व्यक्ति के जीवन से सभी दुखों का नाश होता है। साथ ही शिव पार्वती की कृपा साधक बरसती है। अतः प्रदोष व्रत के दिन श्रद्धापूर्वक भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा-उपासना करें। इस व्रत के लिए कुछ कठोर नियम भी हैं। इन नियमों का पालन करने पर व्रत सफल माना जाता है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत में क्या करें और किन चीजों से परहेज करें।