Spiritual/धर्म (GIL TV News) :- हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का व्रत रखा जाता है। आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहते हैं। आंवला नवमी व्रत देव उठनी एकादशी व्रत से दो दिन पूर्व रखा जाता है। आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी के व्रत प्राप्त होने वाला फल और पुण्य अक्षय होता है, उसका कभी क्षय या ह्रास नहीं होता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष आंवला नवमी कब है?
का मुहूर्त क्या है?पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 12 नवंबर दिन शुक्रवार को प्रात: 05 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है। नवमी तिथि का समापन 13 नवंबर दिन शनिवार को प्रात: 05 बजकर 31 मिनट पर होगा। व्रत के लिए उदयातिथि मान्य होती है, ऐसे में इस वर्ष आंवला नवमी या अक्षय नवमी का व्रत 12 नवंबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।जो लोग आंवला नवमी का व्रत रखेंगे, उनको पूजा के लिए 05 घंटे 24 मिनट का समय प्राप्त होगा। आप 12 नवंबर को प्रात: 06 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट के मध्य तक आंवला नवमी की पूजा कर सकते हैं।
इस वर्ष की आंवला नवमी व्रत ध्रुव योग में है। 12 नवंबर को पूरे दिन ध्रुव योग है। यह 13 नवंबर को तड़के 03 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। ध्रुव योग को मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।आंवला नवमी के दिन रवि योग भी है। हालांकि रवि योग दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से लेकर 13 नवंबर को प्रात: 06 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।आंवला नवमी के दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक है। इस दिन सूर्योदय प्रात: 06 बजकर 41 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम को 05 बजकर 29 मिनट पर होगा।