पाकिस्‍तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक चार से 15 अक्टूबर के बीच हुई वार्ताएं व्यापक समझौते पर पहुंचने में विफल रहीं। ऐसा नहीं है कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आईएमएफ को रिझाने के लिए कोई कोर कसर बाकी रखी थी। इमरान ने आइएमएफ को मनाने के लिए बिजली और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की फि‍र भी वैश्विक संस्‍था को संतुष्‍ट करने में कामयाब नहीं हो पाए। हालांकि दोनों पक्षों ने आगे बातचीत जारी रखने का संकल्प दिखाया है।