आदि शक्ति मां भवानी के पूजन का महापर्व नवरात्र सात अक्टूबर से शुरू होगा। कलश स्थापना के साथ ही श्रद्धालु हर दिन मां के सभी नौ स्वरूपों की आराधना करेंगे। इस वर्ष शारदीय नवरात्र आठ दिनों की होगी। तृतीया व चतुर्थी दोनों एक ही दिन नौ अक्टूबर को पड़ेगी। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार व शुक्रवार को नवरात्र शुरू हो रही है। इसलिए इस बार मां डोली पर सवार होकर आएंगी। धर्मशास्त्रों के अनुसार जब मां डोली पर सवार हो आती है तो यह अच्छा शगुन माना जाता है। सोमवार व रविवार को कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर आती हैं। शनिवार तथा मंगलवार को कलश स्थापना होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार अथवा शुक्रवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता डोली पर चढ़कर आती हैं। बुधवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं। डाेली पर आने से इस बार समृद्धि का योग है।