Spiritual/धर्म

इस महीने दो दिन अमावस्या, करिए यह काम, पितृ होंगे प्रसन्न

संवत्सर 2077 की अंतिम अमावस्या सोमवार को होगी। इसे शास्त्रों में सोमवती अमावस्या कहा जाता है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है। यद्यपि अमावस्या रविवार 11 अप्रैल को प्रातः 6:03 बजे सूर्योदय के साथ ही आ जाएगी, लेकिन तिथि वृद्धि होने से वह सोमवार को प्रातः 8:00 बजे तक रहेगी। उदयकालीन अमावस्या होने के कारण दोनों ही दिन अमावस्या मनाई जाएगी। पितृ कार्यों के लिए अमावस्या सबसे श्रेष्ठ तिथि होती है। कहा जाता है कि अमावस्या को पितरों के निमित्त भोजन, वस्त्र, जल दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। इस बार यह सौभाग्य दो दिन मिलेगा। सोमवती अमावस्या को गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने का भी महत्व है। यदि आप गंगा आदि तीर्थ क्षेत्र में स्नान नहीं कर सकते हैं अपने घर पर ही जल में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करने का मंत्र इस प्रकार है-

गंगे च यमुने च गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन्सन्निधिं कुरू।। इस मंत्र में अंतिम शब्द कुरु के स्थान पर करिष्ये बोल कर स्नान करें। अपने पितरों को जल में थोड़ा गंगाजल एवं काले तिल डालकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके सूर्य को अर्घ्य दे और पितरों के निमित अपने घर में भोजन बनवाएं और किसी ब्राह्मण या विद्वान को खिलाएं। घर में अपनी वरिष्ठ सदस्य एवं बूढ़े माता-पिता आदि की सेवा करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।

Related posts

हनुमान जी ने माता सीता के सभी संदेहों को किस प्रकार दूर किया?

GIL TV News

देवी सीता की सीख- बड़ों का और उनकी बातों का सम्मान करें, जीवन साथी के सुख-दुख में हर कदम साथ रहें

GIL TV News

8 नवंबर को मनाई जायेगी कार्तिक पूर्णिमा

GIL TV News

Leave a Comment