Spiritual/धर्म (GIL TV) कार्तिक पूर्णिमा व देव दीपावली का पर्व कल देशभर में मनाया जाएगा। इसी के साथ ही कार्तिक मास स्नान भी कल से समाप्त हो जाएगा। एक मास के कार्तिक स्नान के आखिरी दिन पूर्णिमा को श्रद्धालु मंदिरों में दीप दान करते हैं। इसी दीप दान को देव दीपावली के नाम से जाना जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही माता तुलसी वनस्पति के रूप में पृथ्वी पर प्रगट हुई थीं। पुराणों में कार्तिक मास की महत्ता के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के महत्व को भी विस्तार से वर्णन किया गया है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक पूर्णिमा 29 और 30 नवंबर 2020 (रविवार, सोमवार) को है। 29 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और 30 नवंबर को दोपहर 02:25 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा का व्रत करने वालों के लिए रविवार को पूर्णिमा होगी जबकि स्नान-दान करने वाले सोमवार को पूर्णिमा मनाएंगे।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिरों में दीपदान करना व दीपदर्शन करना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दि भगवान के विष्णु के साथ गौरी-महादेव का पूजन किया जाता है। साल की 12 पूर्णिमाओं में से कार्तिक, माघ और वैशाख पूर्णिमा को विशेष ही पुण्यदायी माना गया है।