राजनीति (GIL TV) लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परोक्ष रूप से गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अपनी पूरी क्षमताओं के अनुरूप काम नहीं किया और इसके पीछे की ‘‘नीयत’’ और ‘‘इरादों’’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने रायबरेली रेल कोच कारखाना का उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि यह कारखाना कोच बनाने में सक्षम था लेकिन इसकी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल 2014 के बाद किया गया और नतीजा ये है कि आज वहां सैकड़ों कोच बनाए जा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘रायबरेली के रेल कोच कारखाने में किए गए निवेश का लंबे समय तक छोटे उत्पादों और कपूरथला में बनने वाले कोचों में लगने वाले सामानों के अतिरिक्त इस्तेमाल नहीं किया गया था। कारखाना कोच बनाने में सक्षम था, लेकिन इसकी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल कभी नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा कि 2014 में इस स्थिति में बदलाव किया गया और आज कारखाने में सैकड़ों कोच बनाए जा रहे हैं। मोदी ने क्षमताओं के साथ-साथ इच्छा शक्ति और इरादे को भी उतना ही महत्वपूर्ण बताया और कहा, “सोच में सकारात्मकता और दृष्टिकोण में संभावनाओं को हमेशा ही जीवित रखना चाहिए।” लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज का रायबरेली रेल कोच कारखाना सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का बेहतर उदाहरण है जो हर साल सैंकड़ों रेल कोच तैयार कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी। इस साल लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 100 साल पूरे कर रहा है। कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हम कई बार अपने सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं। यही समस्या पहले सरकारी तौर-तरीकों में भी थी। जब सामर्थ्य का सही उपयोग ना हो तो क्या नतीजा होता है, इसका एक उदाहरण है रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री।’’
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