राजनीति

चुनावी कैंपेन का आगाज करते हुए बोले नीतीश कुमार

राजनीति (GIL TV) पटना। बिहार में सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी के चुनावी प्रचार अभियान की सोमवार शाम को शुरूआत की। इस मौके पर नीतीश ने कहा कि वह वोट की चिंता नहीं करते, सेवा ही हमारा धर्म है, सबकी सेवा करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छह जिलों के 11 विधानसभा क्षेत्र में निश्चय संवाद के जरिए अपनी पार्टी के चुनावी अभियान की शुरूआत के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य काम करना है न कि प्रचार करना। सेवा ही हमारा धर्म है। अपनी सरकार द्वारा आपदा के समय में किए गए कार्यों का उल्लेख करते और प्रदेश की पिछली राजद सरकार पर प्रहार करते हुए नीतीश ने सवाल किया कि हम लोगों द्वारा किए गए कार्यों से पहले कोई आपदा को कुछ समझता था? आपदा पीडितों के लिए कभी कोई मदद की गई थी? नीतीश ने बीते 15 साल में हुए विकास का जिक्र करते हुए कहा कि आज बिहार की विकास दर दोहरे आंकड़े में है। लोगों की जीवनशैली बदली है। गरीबी कम हुई है। प्रतिव्यक्ति आय बढ़ी है। उन्होंने कहा कि लोग तरह-तरह की बात करते हैं। लोग पूछते हैं कि बिहार में बड़े उद्योग-धंधे क्यों नहीं है..तो हम बता दें कि हमलोगों ने बहुत कोशिशें की हैं और आगे के लिए भी बहुत सी नीतियां बनायी हैं कि हमारे लोग जो बाहर जाते हैं उन्हें यहीं काम करने की सुविधा मिले।

विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए नीतीश ने कहा, हमारी सरकार ने दलितों की हत्या होने पर परिवार वालों को नौकरी देने का प्रावधान किया है, कुछ लोग इसके बारे में भी बोल रहे थे। अरे भाई कमाल की बात है, देश के कानून के तहत जो प्रावधान है उसके तहत हमलोगों ने नियम बना दिया। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लिए किए गए कार्यों की चर्चा और प्रदेश की पिछली राजद सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, लोग बात करते हैं, वोट ले लेते हैं लेकिन किया क्या? हम वोट की चिंता नहीं करते, सेवा ही हमारा धर्म है, सबकी सेवा करते हैं। हमने शुरू में ही कह दिया है कि किसी प्रकार से हम न अपराध, भ्रष्टाचार और न ही संप्रदायवाद बर्दाश्त कर सकते हैं। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद की ओर सेमुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव द्वारा प्रदेश में अपनी सरकार बनने पर दस लाख सरकारी नौकरी देने के वादे पर कटाक्ष करते हुए कहा, 15 साल के शासनकाल (लालू-राबड़ी शासनकाल) में क्या कैबिनेट की बैठक होती थी? आजकल लोग बेरोजगारी की बात कर रहे हैं। दुनिया में कहीं भी सरकारी सेवा में सभी को नौकरी मिलती है?

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