पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सोमवार को सत्ताधारी जद (यू) और प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद में दूसरे दलों के नेताओं के शामिल होने के साथ राज्य में “आयाराम गयाराम” की राजनीति जारी रही। प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन में राजद की सहयोगी रालोसपा को उस समय बड़ा झटका लगा जब उसके प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने सोमवार को लालू प्रसाद की पार्टी का दामन थाम लिया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने भूदेव को अपनी पार्टी की सदस्यता रालोसपा के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा के दिल्ली से लौटने के कुछ देर बाद दिलायी। कुशवाहा के राजग में वापसी को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात होने की चर्चा है। महागठबंधन में असंतुष्ट चल रहे कुशवाहा ने बृहस्पतिवार को पटना में आयोजित रालोसपा की एक आपात बैठक के दौरान कहा था कि राजद ने जिस नेतृत्व (तेजस्वी यादव) को खड़ा किया है उसके पीछे रहकर प्रदेश में परिवर्तन लाना संभव नहीं। उन्होंने कहा था कि बिहार की जनता चाहती है कि नेतृत्व ऐसा हो जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ठीक से खड़ा हो सके। इससे पहले, राजद ने 1990 के दशक के बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद को भी अपनी पार्टी में शामिल किया। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी और वह जेल में है।