Spiritual/धर्म देव उठान से शुरू हुए मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से अल्पविराम लग जाएगा। रंगों के पर्व होली के अंतर्गत 3 मार्च से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं। ऐसे में पुजारियों, ज्योतिषविदों एवं मनीषियों के अनुसार होलाष्टक से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।हिन्दू पंरपराओं के अन्तर्गत मनाये जाने वाले विभिन्न त्योहारों में होली बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है, जिस दिन प्रत्येक व्यक्ति होली के रंगों में रंगा नजर आता है। होली में चहुंओर बिखरते अबीर गुलाल को देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है। होली वास्तव में दो दिवसीय त्योहार है जिसमें पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग का पर्व मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है तथा अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में रंग अर्थात दुल्हैंडी का पर्व मनाया जाता है। पंडित विनोद त्रिपाठी बताते हैं कि इस बार 9 मार्च को होली और 10 मार्च को दुल्हैंडी या रंग का त्योहार है। होलाष्टक से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। ज्योतिषविद विभोर इंदुसुत कहते हैं कि 3 मार्च 2020 से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे जो 9 मार्च होलिका दहन के दिन तक रहेंगे।इसलिए इस बीच कोई शुभ मंगल कार्य और नवीन कार्य नहीं किए जा सकेंगे। हालांकि, होलाष्टक आठ दिन तक उपस्थित रहते हैं पर इस बार होलाष्टक के दौरान त्रयोदशी तिथि क्षय हो रही है। जिस कारण इस बार होलाष्टक 3 से 9 मार्च तक सात दिन के लिए ही रहेंगे।
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