Spiritual/धर्म (giltv) पुत्रवती माताएं पुत्र और पति की सुख समृद्धि के लिए सकट व्रत आज रखेंगी। इसे तिलकुटा चौथ भी कहते है। ग्रन्थों के अनुसार इसी तिथि को श्रीगणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे श्रीगणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं और भगवान गणेश के प्रतिरूप चन्द्रदेव को अर्घ्य देकर पूजन करते हैं।चंद्रोदय रात 8:33 पर होगा। सकट की तिथि 13 जनवरी को शाम 5:32 से शुरु होकर 14 जनवरी दोपहर 2:49 तक है। पूजा में दूर्वा, शमी पत्र, बेल पत्र, गुड़ और तिल के लडडू चढ़ाए जाते है। यह व्रत संतान के जीवन में विध्न बाधाओं को दूर करता है संकटों तथा दुखों को दूर करने वाला और रिद्धि-सिद्धि देने वाला है। इस दिन माताएं निर्जल व्रत रखकर शाम को फलाहार लेती है और दूसरे दिन सुबह सकट माता पर चढ़ाए गए पूड़ी-पकवानों को प्रसाद रूप में ग्रहण करती है।
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