Spiritual/धर्म (giltv)सभी भक्तों का दुख हरने वाले शिर्डी के साईं बाबा का चमत्कार पूरी दुनिया मानती है। साईं बाबा के दरबार में जो जाता है वह खाली हाथ नहीं लौटता। बाबा कभी किसी को दुखी देख ही नहीं सकते जिस भी भक्त ने अपनी पीड़ा उन्हें बताई, वह उस पीड़ा को हर लेते हैं। साईं बाबा ने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण को समर्पित किया और लोगों को एक ईश्वर की अवधारणा का संदेश दिया। आज दुनिया भर में स्थापित उनके छोटे-बड़े मंदिरों में सभी धर्मों और जातियों के श्रद्धालु आते हैं और साईं बाबा आशीर्वाद देकर सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साईं बाबा का पूजन वैसे तो कभी भी किया जा सकता है लेकिन गुरुवार का दिन साईं पूजा के लिए विशेष रूप से फलदायी है। यदि आप किसी मनोकामना की पूर्ति की आकांक्षा रखते हैं तो आपको साईं बाबा के पूजन के लिए 9 गुरुवार का व्रत करना चाहिए। साईं बाबा का व्रत किसी भी आयु वर्ग के महिला और पुरुष कर सकते हैं। व्रत के दिनों में आप सुबह निवृत्त होकर सच्चे मन से पूजन करें। सुबह या शाम को साईं बाबा की मूर्ति अथवा तसवीर को आसन पर पीला कपड़ा बिछा कर रखें। साईं पूजन के लिए पीले फूल या उस फूल का हार बना लें। धूप-दीप प्रज्ज्वलित कर साईं व्रत की कथा का वाचन करें। प्रसाद के रूप में हलवा, खीर अथवा कोई अन्य मिठाई और फल इत्यादि अर्पित करें। यह ध्यान रखें कि जब आपके 9 व्रत पूर्ण हो जायें तो व्रत का उद्यापन करने के लिए गरीबों को भोजन कराएं और यथाशक्ति उन्हें दान दें। इसके साथ ही साई बाबा की कृपा का प्रचार करने के लिये 7, 11, 21 साईं पुस्तकें या साईं सत्चरित्र अपने आस-पास के लोगों में बांटनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा के दिन साईं बाबा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन बाबा के दर्शन अवश्य करने चाहिए। महाराष्ट्र का पंढरपुर शिर्डी अब तीर्थ स्थान बन चुका है। रोज यहां भक्तजनों का तांता लगा रहता है। लंबी कतारों में भक्तजन आठ−दस घंटे खड़े रहकर भी साईं बाबा के दर्शन करते हैं।
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