महाराष्ट्र में भाजपा सोमवार रात तक फडणवीस सरकार बचा लेने के प्रति आश्वस्त थे। मंगलवार को अजित पवार के टूटते ही सियासी बाजी पलट गई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के प्रोटेम स्पीकर के द्वारा ही शक्ति परीक्षण कराने के निर्देश और विधानसभा सचिवालय को अजित के एनसीपी विधायक दल का नेता चुने जाने की नहीं दी गई सूचना संबंधी हुई चूक के बाद भाजपा ने कदम पीछे खींचने का फैसला किया। दरअसल भाजपा के रणनीतिकार अजित पवार के भरोसे थे। अजित ने भी सोमवार रात तक 18 विधायकों के संपर्क में होने की सूचना दी थी। फिर भाजपा को भरोसा था कि अगर अजित को ही विधानसभा में विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता मिली तो उन्हें ही व्हिप जारी करने का अधिकार मिलेगा। इससे सारी सियासी बाजी पलट जाएगी।