रूस और यूक्रेन की जंग को अब लगभग दो सप्ताह पूरे हो रहे हैं। समूचा यूरोप इसकी आग की लपटों को महसूस कर रहा है। इस जंग की वजह से यूक्रेन के पड़ोसी देशों में रिफ्यूजियों की संख्या 17 लाख को भी पार कर चुकी है। वहीं यूक्रेन में इस जंग की वजह से भारी नुकसान हुआ है। जवाहरलाल नेहरू की प्रोफेसर अनुराधा शिनोए मानती हैं कि इस जंग की वजह से यूक्रेन कई दशक पीछे चला गया है। हालांकि, ये पहले से ही दिखाई दे रहा था कि रूस के आगे यूक्रेन कुछ भी नहीं है। रूस के सामने उसकी सैन्य शक्ति भी न के ही बराबर है। इसके बाद भी पश्चिमी देशों और अमेरिका के बहकावे में आकर यूक्रेन गलती कर बैठा।