राजनीति

पंजाब में सजने लगी मुफ्त चुनावी वायदों की दुकान

एक कहानी है। एक बार एक शेर भेड़ों के झुंड को संबोधित कर रहा था। शेर ने कहा, मेरी सरकार बनी तो मैं सभी भेड़ों को मुफ्त में कंबल दूंगा। जोर-जोर से तालियां बनने लगीं। एक मेमना ने अपनी मां से पूछा। इतने कंबल के लिए तो बहुत सारा ऊन लगेगा। यह ऊन कहां से आएगा। मां ने जवाब दिया, निकाला तो हम ही से जाएगा। 2022 के विधान सभा चुनाव को लेकर यह कहावत फिट बैठती है। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी वायदों की दुकानें सजा ली हैं।

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