राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन गंगा समग्र ने नदियों की स्वच्छता के लिए शुरू किए गए अभियान में मातृ शक्ति को प्रमुख भूमिका देने का निर्णय लिया है। इसके लिए गंगा सेविका वाहिनी का गठन किया जा रहा है। प्रांत, जिला व प्रभाग स्तर पर यह मातृशक्तियां कार्य करेंगी। नदी के तटों पर सक्रिय रहने के साथ ही मोहल्लों, ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह जन संपर्क बैठकों का दौर चलाएंगी। वास्तव में यह इकाई वैचारिक क्रांति लाने का कार्य करेगी। संस्कृति के प्रति जनजागरण का दायित्व इन्हीं मातृ शक्तियों पर रहेगा।गंगा समग्र काशी प्रांत के सह संयोजक राकेश मिश्रा ने बताया कि करीब सभी तीज त्योहारों के केंद्र में महिलाएं होती हैं। भारतीय संस्कृति के संरक्षण और उन्हें बचाने में भी इनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। तमाम अपसंस्कृति को समाप्त करने के लिए जरूरी है कि मातृशक्ति आगे आएं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर गंगा सेविका वाहिनी की सदस्य अपने समकक्ष के साथ नई पीढ़ी को भी भारतीय संस्कृति के गौरवपूर्ण तथ्यों से अवगत कराएंगी। जहां जरूरत होगी तार्किक आधार पर विमर्श भी करेंगी। सप्ताह में कम से कम एक दिन किसी परिवार में आसपास के लोगों को एकत्रकर धार्मिक व सांस्कृतिक चर्चा करने के साथ नदियों के प्रति जनजागरण लाने के लिए प्रयासरत रहेंगी।