देश – विदेश (GIL TV News) :- यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलाग। 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया साथ आए थे। इसे ‘सुनामी कोर ग्रुप’ नाम दिया गया था। उस समय इस गठजोड़ ने राहत एवं बचाव कार्यो को गति देने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि तात्कालिक उद्देश्य पूरा होने के बाद यह समूह बिखर गया। 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री एबी शिंजो ने क्वाड के गठन का विचार दिया था।
हालांकि आस्ट्रेलिया ने समर्थन नहीं किया और यह गठजोड़ नहीं बन पाया। 2017 में आसियान सम्मेलन से ठीक पहले आस्ट्रेलिया के विचार बदले और क्वाड अस्तित्व में आया।बात चाहे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की हो या उससे इतर की, दुनिया के लोकतांत्रिक देश क्वाड को चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर नकेल की तरह देख रहे हैं। माना जाता है कि चीन के समानांतर एक आर्थिक व सामरिक गठजोड़ उसे चुनौती दे सकता है। अभी क्वाड एक अस्थायी समूह है, जिसे आर्थिक व सुरक्षा आधारित अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में ढाला जा सकता है। फिलहाल आत्मनिर्भरता की नीति पर बढ़ते हुए भारत ने दिखाया है कि वह चीन का सामना करने के लिए तैयार है।