हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस समय आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है। आश्विन मास का प्रदोष व्रत इस बार सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए यह सोम प्रदोष व्रत है। हालांकि अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर यह सोम प्रदोष व्रत अक्टूबर में पड़ रहा है, यह अक्टूबर का पहला प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। आइए जानते हैं कि सोम प्रदोष व्रत कब है? पूजा मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है?हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 03 अक्टूबर दिन रविवार को रात 10 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। त्रयोदशी तिथि का समापन अगले दिन 04 अक्टूबर दिन सोमवार को रात 09 बजकर 05 मिनट पर होना है। ऐसे में प्रदोष व्रत की उदयातिथि 04 अक्टूबर को प्रात: हो रहा है और इस दिन शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त भी है। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर को रखा जाएगा।