बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री के 108वीं जयंती के पर मंगलवार को जमुई सांसद चिराग पासवान प्रदेश के पूर्णिया जिला के बैरगाछी स्थित उनके आवास पहुंचे थे. उन्होंने उनके घर पर ही भोजन किया और रात का विश्राम भी. इधर, चिराग पासवान को देखने के लिए गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सबने एलजेपी नेता का भव्य स्वागत किया.इधर, प्रेस को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने कि दिवंगत भोला पासवान शास्त्री और उनके पिता स्वर्गीय राम विलास पासवान के रिश्ते काफी घनिष्ठ थे. उन लोगों की विचारधारा दलित समुदाय के उत्थान की ओर थी. ऐसे मे उनके घर आकर उनके चूल्हे का भोजन कर और उनके ही घर पर रात गुजार कर उस अनुभूति को प्राप्त करना मकसद जो उनके पिता ने प्राप्त की थी. बता दें कि पूर्णिया के उक्त घर से भोला बाबू के राजनीति की शुरुआत हुई थी. ऐसा माना जा रहा है कि चिराग जो नए सिरे से राजनीति शुरू कर रहे हैं, वो यहां से उन अनुभूति को प्राप्त कर आगे बढ़ेंगे. जानकारी अनुसार, चिराग के आने को लेकर घर की महिलाएं दिन से ही भोजन की तैयारी में जुटी रही. घर की महिलाओं ने आलू का भुजिया, परवल की सब्ज़ी, साग और मछली का इंतज़ाम किया था. भोला पस्वान की पौत्र बहु ने बताया कि चिराग के आने की खबर उन लोगों कुछ दिन पहले मिली थी. इसलिए उन्होंने ये सारी तैयारी की. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि ये खाना चिराग पासवान को पसंद आएगा. वहीं, घर के आंगन में ही चिराग ने खाना खाया और इसी घर पर रात का विश्राम भी किया. गौरतलब है कि भोला पासवान शास्त्री बिहार के पहले दलित मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ तीन बार मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं. अपने मुख्यमन्त्री काल में भी वो ऐसे ही साधारण रहे, जिसका उदाहरण आज भी उनके टूटे घर से देखने को मिलता है.
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