पंजाब में संगठन के साथ-साथ सरकार का चेहरा बदलने के बाद भी कांग्रेस की सियासी सिरदर्दी फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने नवजोत सिंह सिद्धू को चुनावी चेहरा बताए जाने को लेकर पार्टी के प्रभारी महासचिव हरीश रावत पर सोमवार को जिस तरह निशाना साधा उससे साफ है कि गुटों में बंटी पंजाब कांग्रेस में सब कुछ दुरुस्त नहीं हुआ है। जाखड़ के इन तेवरों का ही असर रहा कि कांग्रेस नेतृत्व को सफाई देनी पड़ी कि अगले चुनाव में पार्टी का चेहरा सिद्धू के साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी होंगे। कांग्रेस की चिंता इतनी ही नहीं है बल्कि मुख्यमंत्री पद से हटाए गए कैप्टन अमरिंदर सिंह के अगले राजनीतिक कदम को लेकर भी वह सशंकित है।पंजाब में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के दिन राहुल गांधी की चंडीगढ़ में मौजूदगी के दौरान सुनील जाखड़ ने हरीश रावत के बयान को जिस अंदाज में खारिज कर दिया उससे साफ है कि अगले चुनाव के नेतृत्व को लेकर प्रदेश कांग्रेस का झगड़ा केवल कैप्टन तक ही सीमित नहीं रहा। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पिछड़ गए जाखड़ के तेवरों का सियासी संदेश यह भी है कि चाहे कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देख रहा हो मगर प्रदेश कांग्रेस के पुराने दिग्गज इतनी सहजता से पूर्व क्रिकेटर को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
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