भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी परिवतर्नी एकादशी 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है। इसे वामन एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की आराधना की जाती है। भाद्रपद शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा में करवट बदलते हैं, इसलिए इसे परिवतर्नी एकादशी कहा जाता है। भगवान विष्णु के योग निद्रा का काल चार माह का होता है, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। इस समय चातुर्मास चल रहा है। परिवतर्नी एकादशी के दिन व्रत रखने के साथ भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। फिर पूजा के समय परिवतर्नी एकादशी व्रत की कथा सुनते हैं। व्रत कथा के श्रवण से व्रत पूर्ण होता है और उसका पूरा पुण्य एवं फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं परिवतर्नी एकादशी की व्रत कथा के बारे में।
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