खास मौके पर हम लोग फ्राई फूड खाना बेहद पसंद करते हैं। फ्राई फूड में कभी तले हुए पकौड़े तो कभी समोसे और कचौरी हम लोग ज्यादा खाते हैं। पकौड़े या फिर कुछ भी फ्राई करने के लिए कढ़ाही में अच्छा खासा तेल नहीं हो तो फूड डीप फ्राई नहीं होता। कचौरी, पकौड़े या फिर कुछ भी तलने के बाद कढ़ाही में बचा हुआ तेल अक्सर हम फेकते नहीं है, बल्कि खाना पकाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। आप जानते हैं कि कढ़ाही में बचा हुआ यह तेल आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ है। कई अध्ययनों के मुताबिक कढ़ाही में बचा हुआ तेल का दोबारा इस्तेमाल करने से टॉक्सिन पदार्थ निकलते हैं जो बॉडी में फ्री रेडिकल्स बढ़ाते है। फ्री रेडिकल्स बढ़ने की वजह से बॉडी में सूजन और कई तरह के क्रोनिक डिजीज होते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्ट ऑफ इंडिया ( FSSAI) की गाइडलाइंस के मुताबिक तेल को दोबारा गर्म करके इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि दोबारा तेल गर्म करके इस्तेमाल करने से सेहत को कौन-कौन से नुकसान पहुंचते हैं।हाई टेम्परेचर पर गर्म किया गए तेल से हानिकारक पदार्थ बाहर निकलते हैं। एक से अधिक बार तेल गर्म करने पर वसा अणु टूटते रहते हैं और अपने स्मॉक पर पहुंच जाते हैं और उसमें से बदबू आने लगती है। ऐसे में खाना दूषित होने लगता है जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है।तेल को इस्तेमाल करने पर वो तेज़ आंच पर इस्तेमाल होता है ऐसे में उसमें मौजूद कुछ फैट्स, ट्रांस फैट्स में बदल जाते हैं। ट्रांस फैट हानिकारक फैट होते हैं जो दिल के रोगों को बढ़ा सकते हैं। दोबारा उपयोग किए गए तेल में ट्रांस फैट की मात्रा और अधिक हो जाती है। बार-बार गर्म किया हुआ तेल कैंसर के रोगों की संभावना को बढ़ा सकता है। इस तेल के सेवन से पेट का कैंसर, गॉल ब्लेडर का कैंसर, लिवर कैंसर एवं अन्य प्रकार के कैंसर हो सकते हैं।