टोक्यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा की सफलता के पलों के साक्षी बनने वाले कैप्टन अमरीश अधाना ने कहा कि देश के इस लाडले ने चैंपियन बनने के लिए खुद को एक साल तक मोबाइल से दूर किया और अनुशासन में रह कर अभ्यास को प्राथमिकता दी, तभी स्वर्णिम गाथा लिखने में उसे कामयाबी मिली। रविवार की सुबह की टोक्यो से लौटे अमरीश अधाना शाम को ग्रेटर फरीदाबाद में अपने छोटे भाई समरवीर सिंह और तिगांव के विधायक राजेश नागर से मिलने आए थे। कैप्टन अमरीश भारतीय ओलिंपिक टीम के कोच थे। कैप्टन ने कहा कि आज के समय में मोबाइल के बिना इंसान एक पल भी नहीं रह सकता, पर नीरज ने ओलिंपिक में बेहतर प्रदर्शन की तैयारी के लिए मोबाइल रखना छोड़ दिया था। नीरज के पास एक वर्ष से मोबाइल फोन नहीं था। देश विदेश से नीरज को बधाई देने के लिए फोन आ रहे थे और उसके नंबर मांग रहे थे, लेकिन फोन नहीं होने की वजह से बात नहीं हो पा रही थी।
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