Spiritual/धर्म

व्रत की पूर्णिमा आज और गुरु पूजा कल 24

आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि दो दिन 23 और 24 जुलाई को रहेगी। इसी वजह से गुरु पूर्णिमा पर्व भी इस बार दो दिन मनाया जाएगा। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि उदया तिथि में पूर्णिमा तिथि मानने वाले लोग 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाएंगे। वहीं, पूर्णिमा तिथि 23 जुलाई सुबह तकरीबन 10:44 बजे ही शुरू होने के कारण कुछ लोग 23 को ही गुरु पूर्णिमा मनाएंगे।

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते का कहना है कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में गुरु पूर्णिमा और व्यास पूजा 24 जुलाई को ही करना चाहिए।शुक्रवार, 23 जुलाई को पूर्णिमा तिथि सुबह तकरीबन 10:44 पर शुरू हो जाएगी और दिनभर रहेगी। इस कारण इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत किया जाएगा। इस दिन खरीदारी, लेन-देन और निवेश के लिए शुभ मुहूर्त भी रहेगा। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा होने से इस दिन वायु परीक्षण भी होगा।24 जुलाई को प्रीति योग और सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। शिष्य अपने गुरु देव का पूजन करेंगे। वहीं, जिनके गुरु नहीं है वे अपना नया गुरु बनाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए फोन या दूर से ही गु्रु पूजा करना चाहिए। ग्रंथों में बताया गया है कि समय, काल और परिस्थितियों को ध्यान रखते हुए की गई पूजा का पूरा फल भी मिलता है।डॉ. मिश्र के मुताबिक, 24 जुलाई को सूर्य उदय के बाद पूर्णिमा तीन मुहूर्त यानी 6 घटी, 2 घंटे 24 मिनट से कम समय तक है। इस दिन पूर्णिमा सुबह 8:07 बजे तक रहेगी। इसलिए इसी दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। डॉ. मिश्र बताते हैं कि वायु परीक्षण 23 जुलाई को किया जाएगा। ‌सूर्यास्त के बाद जब पूर्णिमा होती है उस दिन वायु परीक्षण किया जाता है।

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