देश – विदेश (GIL TV) करीब 11 महीने से सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच में भारी तनाव चल रहा है। हालांकि, तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच रक्षा और कूटनीतिक चैनल के जरिए बातचीत जारी है। पूर्वी लद्दाख में मई में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जबरदस्त टकराव की स्थिति हो गई थी। हालांकि, अब रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश दोनों देशों की ओर से लगातार जारी है। पैंगोंग झील और अन्य जगहों पर डिसइंगेजमेंट की रिपोर्ट के बीच अब चीन के तेवर भी बदल रहे हैं। विस्तारवादी सोच रखने वाला चीन अब सहयोग और मानवता की बात कर रहा है। चीन ने तो यह कह कर हैरान कर दिया कि वह भारत में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन का समर्थन करता है और सदस्य देशों के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत सहयोग बनाना चाहता है।
इन सबके बीच सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह हो गया है कि जैसे ही भारत में ब्रिक्स का आयोजन होगा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनग यहां आ सकते हैं। जाहिर सी बात है कि एलएसी विवाद के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव के दौरान शी जिनपिंग का भारत आना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। इतना ही नहीं, सूत्र तो यह भी दावा कर रहे हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात भी संभव है। यह मुलाकात द्विपक्षीय रह सकती है। चीन ने तो साफ तौर पर एक बयान जारी कर यह कह दिया है कि वह ब्रिक्स को बहुत ज्यादा महत्व देता है और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने का पक्षधर है। चीन ने यह भी दावा किया है कि वह ब्रिक्स देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को और भी मजबूत करेगा।